गलती से भी हुई गलती का परिणाम असली होता हैं !
मैं , मेरी माँ और मेरी छः वर्षिया बिटिया , ' सुम्मी ' अपने एक दोस्त के घर गये थे । उस दिन उनके लड़के ' कृष्णा ' का जन्म दिन था । दिन भर धमाल मचती रही । शाम मे मैने देखा कि वो बड़ी गुमशुम सी, स्वभाव के विपरीत, शांत बैठी हैं । लाख पुछा कि कुछ हुआ हैं क्या या कि किसी बच्चे से झगड़ा हुआ हैं पर उसने कुछ नही कहा उल्टा सोने के लिये बोलने लगी । मैने भी सोचा कि सुबह से खेल रही है थक गयी होगी पर मन इस बात को मानने को तैयार नही हो पा रहा था ।