Sunday, June 9, 2013

समय समझाता हैं ...


      समय समझाता हैं ... 

कहते हैं समय हर घाव जो वह देता  भर देता हैं ।
पर भरते समय रिश्तों के मायने समझा जाता हैं ॥  
परदे उठते  मुखौटे  सरकते हैं  अस्ल चेहरों  से ।  
धूल आईने से  गर्द  कपड़ों से  झाड़  जाता  हैं ॥  
ये समय  भी  न जाने क्या – क्या सिखाता हैं ॥ 1 ॥