Friday, March 30, 2012

॥ प्रार्थना ॥


           ॥ प्रार्थना ॥
सरस्वती  महाभागे ,  वीणा पुस्तक  धारणी ।
श्वेत  पद्मासना  देवी , नमामि  मातु भारती ॥
ज्ञान  प्रदायनी  माता , बुद्धि  आयु  प्रदायनी ।
संस्कारित कला भावे , सामर्थ्य शक्ति दायनी ॥ 
विमल  विनयाशक्ति , विषम  काल  बुद्धिता ।
स्थिर बुद्धि दिशा शक्ति, दिव्य आंगिक शुद्धता ॥
प्रणम्य  माँ   महादेवी ,  नमामि  हृदयान्तरे । 
परित्यजं   अहंकारे , नमामि   मातु  शारदे ॥
          ----- अश्विनी कुमार तिवारी ( 30.03.2012)

Wednesday, March 28, 2012

प्राणी , परमाणु और सपने

.....और चौबीस साल बाद भी वहाँ के लोग उस घटना को भुले नही हैँ । बड़े बुढ़े अपने नातियोँ पोतोँ को सुनाते हैं कि किस तरह धरती डोली थी धूल और धुएँ के गुब्बार उड़े थे । कुछ लोगों के शरीर पर तो रेडियो सक्रिय धूल के प्रभाव आज भी स्पष्ट हैं ।
      अचानक लोगो को महसूस हुआ –कुछ बदलाव –सा आ रहा हैं , माहौल कुछ बदल रहा हैं । सेना के जवान वहाँ कुछ कर रहे हैं । लोग इन सबको नजरअंदाज करते हुए अपने रोजमर्रा के काम कर रहे हैं ।