~ माँ तु शारदे वर दे वर दे ~
माँ
तु शारदे वर दे वर दे ,
बुद्धि विवेक से भर दे
।
चाहे हो विपरीत परिस्थिति ,
स्वाभिमान का स्वर दे ॥
नए राग कुछ नयी रागिणी ,
नए स्वर शब्द् सुघर दे ।
साँसो की लय ताल वृत्ति को ,
स्फूर्ति
नवल नव सुर दे ॥
अज्ञान तिमिर घन कर प्रच्छन्न् ,
ज्ञान उदित दिनकर दे ।
अहंकार दानव विशाल का ,
शीश अवनि पर धर दे ॥
न्यायोचित सत्कर्म हमारे ,
अनुशासन सत्वर दे
।
मनवीणा को कर दे झंकृत ,
कोकिल सा मधु स्वर दे ॥
------- अश्विनी कुमार तिवारी , वसंत पञ्चमी , ०१-०२-२०१७
------- अश्विनी कुमार तिवारी , वसंत पञ्चमी , ०१-०२-२०१७