Saturday, September 14, 2013

हमारी राजभाषा हिन्दी भाग 3

        हमारी राजभाषा हिन्दी भाग 3

    अगर भारत के इतिहास पर नजर दौड़ाएँ तो हमें दिखता है कि जिन वस्तुओं , परम्पराओं , भाषाओं और ऐसी न जाने कितनी हीं चीजें होंगी जिन्हे राजकीय संरक्षण मिलता रहा हैं उन्होने अपने संरक्षण के समय काफी विकास किया । कुछ ऐसी भी चीजें थी जिन्होने उपेक्षा के वावजूद भी अपनी उपस्थिति मजबूती से बनाए रख्खी । पर आजादी के इतने वर्षों का अनुभव हमें कुछ और हीं दृश्य दिखाता हैं । ऐसा महशूश होता हैं कि जिन्हे भी राष्ट्रीय होने का गौरव दिया गया वो विलुप्ति के कगार पर पहुचते जा रहे हैं या पहुँच गये हैं ।

राज भाषा में हुआ हैं .........

राज भाषा   में   हुआ  हैं ,  अजब  सा  घालमेल |
हिंदी अंग्रेजी   की  खिचड़ी में, निपट रहा हैं देश ||

दोगली   सी   नीतियों   के ,  बहुरंगी   हैं   अर्थ |
लोग  बाग  हैं त्रस्त  लड़ रहे , लेकर  अपने  अस्त्र ||

आत्मा   हैं  हिंदी   पर ,  पहने   अंग्रेजी   वस्त्र |
स्वाद   हाथ   का   भूल  रहे , काँटे छूरी के भक्त ||