हमारी राजभाषा हिन्दी भाग 3
अगर भारत के इतिहास पर नजर दौड़ाएँ तो हमें दिखता है कि जिन वस्तुओं ,
परम्पराओं , भाषाओं और ऐसी न जाने कितनी हीं चीजें होंगी जिन्हे राजकीय संरक्षण मिलता
रहा हैं उन्होने अपने संरक्षण के समय काफी विकास किया । कुछ ऐसी भी चीजें थी
जिन्होने उपेक्षा के वावजूद भी अपनी उपस्थिति मजबूती से बनाए रख्खी । पर आजादी के
इतने वर्षों का अनुभव हमें कुछ और हीं दृश्य दिखाता हैं । ऐसा महशूश होता हैं कि
जिन्हे भी राष्ट्रीय होने का गौरव दिया गया वो विलुप्ति के कगार पर पहुचते जा रहे
हैं या पहुँच गये हैं ।