Tuesday, July 24, 2012

नासतो विद्यते भावो ......


नासतो विद्यते भावो ......

सच और झूठ को जानने का एक मात्र पैमाना है , परिस्थितिओं और अपने विवेक का मेल । सच और झूठ साथ - साथ ही चलते हैं । सच भले ही कभी कभी सच जैसा ना लगे पर अच्छा झूठ वही होता है जो बिलकुल सच लगे । झूठ की ताकत उसके सच लगने मे ही है । अच्छा झूठ सच के जैसा और महिमामण्डित होता है साथ ही साथ तार्किक भी । सच छोटा सरल और सुगम होता है और बहुत कम लोग उसे सच मान पाते हैं । सच जानते हुए भी साबित करना दुश्कर है किंतु झूठ यानी बनाया हुआ सच आसानी से साबित हो जाता है । ध्यान रख्खें कि हजारो के सामने भी कोइ एक सच्चा हो सकता हैं । अपने दिल पर हाथ रख्खें और सच का साथ दें ।