Thursday, July 30, 2020

कलंकिनी

कलंकिनी

------------

रनिवास का विशिष्ट कक्ष !

महारानी कैकेयी के मुख पर भावों का विचलन स्पष्टतया दृष्टिगोचर था । कुछ भी निश्चित नही कर पा रही हों जैसे । विचारों का क्रम शरीर में एक उत्तेजना का संचार कर रहा था ।

Wednesday, January 1, 2020

महज तारीख नही


     महज तारीख नही

महज  तारीख नही  एक  जनवरी  हो तुम ।
जाने कितने दिलों की स्वप्न मंजरी हो तुम ॥