Friday, September 30, 2011

श्री सरस्वती स्तोत्रम्

या   कुन्देन्दुतुषारहारधवला    या    शुभ्रवस्त्रावृता ,
या   वीणावरदण्डमण्डितकरा  या  श्वेत  पद्मासना ।
या   ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः   सदा   वन्दिता ,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥ 

हिन्दी व्याकरण


हिन्दी व्याकरण

हिन्दी संस्कृत की उतराधिकारिणी है । वर्णमाला , उच्चारण और लिपि देवनागरी , जो ब्राह्मी का विकसित रूप है , वही है जो संस्कृत का है ।
संस्कृत भाषा संयोगात्मक थी , पर हिन्दी वियोगात्मक हो गयी । संस्कृत के एक धातु से 6 ( प्रयोग ) 10 ( काल ) X 3 ( प्रसंग ) X 3 ( लिंग )  = 540 भिन्न रूप बनते हैं । हिन्दी क्रिया मे तीन काल ( वर्त्तमान , भूत , भविष्य ) तीन अर्थ ( निश्चय , आशा , सम्भावना ) तीन अवस्थाएँ ( सामान्य , पूर्ण , अपूर्ण ) तीन वाच्य ( कर्तृ , कर्म , भाव ) और तीन प्रयोग ( कर्तार , कर्मणि , भावे ) मिलते हैं ।

Wednesday, September 21, 2011

भूकम्प


18.09.2011 को सायं 6 बजकर 11 मिनट पर आये भूकम्प ने पुरे भारत को हिला कर रख दिया । सर्वाधिक प्रभावित हुआ सिक्किम जहाँ भूकम्प का केन्द्र था । हमने भी अपने साथियोँ और परिवार के साथ केन्द्र से साठ सत्तर किलोमीटर दूर भयानक झटकों को महसूस किया । ईश्वर की अनुकम्पा से हम सब सुरक्षित थे । मेरे एक मित्र ने मुझे बार बार एक तरह से जिद्द की की मैं इस अनुभव को कलमबध्द करूँ । मै मना करता गया और वो कहता गया । मै ये मानता हू कि मै अगर चाहूँ भी तो कविता नही लिख सकता जब तक कि कविता स्वयं आपके माध्यम से उतरना ना चाहे और माँ सरवस्वती कृपा ना करें । ये कविता खुद के अनुभव सिक्किम और देश के अन्य भागो के भुकम्प पीड़ितों के दर्द और कवि के नजरिये से बिनाश मे सृजन और सृजन मे विनाश की उतपत्ति हैं ।

Monday, September 19, 2011

हमारे दिल से आपके दिल तक


हमारे  दिल  से   आपके  दिल  तक

हमारे  दिल  से   आपके   दिल  तक ,
बात  निकली  है तो  जायेगी  दूर तक ,
ये ‘किरण’ जो चली है यहाँ से वहाँ तक ,
रौशनी कर देगी वहाँ , पहुँचेगी जहाँ तक ।
                                
                      हमारे  दिल  से   आपके   दिल  तक ,
                      एक  पुल  विचारोँ   का   किनारे  तक ,
                      फ़ासले  मिटा  देगा  दरमियाँ अभी तक ,
                     ‘किरण’ सृजन का , पहुँचेगा अम्बर तक ।

Wednesday, September 14, 2011

हमारी राजभाषा हिन्दी

हमारी राजभाषा हिन्दी

हिन्दी पखवाड़ा एक सितंबर से चौदह सितम्बर तक मनाया जाता हैं । चौदह सितम्बर हिन्दी दिवस के रूप मे सम्पूर्ण भारत मे मनाया जाता हैं । यही वो दिन है जब ईसवी सन 1949 को आधिकारिक रूप से हिन्दी को भारतीय सम्बिधान मे राज भाषा का स्थान दिया गया । इस दिन का महत्व इसी से समझा जा सकता हैं कि बिभिन्न प्रचलित भारतीय भाषाओं और आक्रांता शासकों की भाषा अरबी – फारसी के साझा समन्वय से उतपन्न जनसाधरण की सम्पर्क भाषा हिन्दी को राजभाषा यानी की प्रशासकीय भाषा बनने की गरिमा प्रदान की गयी । जनतंत्र के लिये एक जन सम्पर्क भाषा का राजभाषा के गरिमामय पद पर होने से शुभ भला और क्या हो सकता हैं । ये भारत के जनमानस की भावनाओं और उनकी आवाज की जीत की उदघोषणा का दिन हैं ।

Tuesday, September 13, 2011

राष्ट्र की भाषा

                                  --------- राष्ट्र की भाषा ----------

बहुत तकलीफ में है ,
हमारे राष्ट्र की भाषा ।
                                  
                                 नही कमजोर है फिर भी ,
                                 सहारा       चाहिये       ऐसा ।
                                 निकाले फाँस जो दिल के ,
                                  दबाये     बैठी  जो  भाषा   ॥

Monday, September 12, 2011

एकश्लोकि रामायणम्

आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं कांचनं ,
वैदेहीहरणं  जटायुमरणं  सुग्रीवसम्भाषणाम् ।
बालीनिग्रहणं    समुद्रतरणं    लंकापुरीदाहनं ,
पश्चाद्रावणकुम्भकर्णहननमेतद्धि रामायणम् ॥

Thursday, September 1, 2011

श्री गणेशाय नमः

वक्र तुण्ड महाकाय सुर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्ने कुरुमे देवो सर्व कार्येषु सर्वदा ॥