Thursday, July 14, 2016

॥ रस निष्पत्ति ॥



॥ रस निष्पत्ति ॥
----------------

श्रृंगार :

चन्द्रमाँ आइ हुनक छ’विकेँ देखाओंसि में ।
चमकि रहल छै कनी आर राति पूनम में ॥
सितारा चुनर के देखि लजा तरेगण सब ।
नुका रहल छै प्रिये , देखू राति पूनम में ॥1॥