गाँव :- एगो सपना
रामचरन : -
ए भकभेलरा ! तनी
बतावते गाँव घर के हाल ।
खेत पथारी कईसन बाटे
का काका के हाल ॥
गाछ विरिछ गोरू बछरू
और पनघट के हाल ।
खेलत होईहें लईके
लईकी का बा सब खुसहाल ॥
बड़ा मन करेला हमके
फेर छोट होई जईंती ।
खुब चुभकतीं पोखरा
में आ खेलत पढ़े जईंती ॥
झुठ बोल के भागल
करतीं स्कूलवा से रोज ।
और घुस के खुब चोरा
के गन्ना चाभल करतीं ॥