--------------------- मैथिली -------------------
मैथिली सन मीठ मधुकर , के भी नञि छयि मधु रे ।
नञि रसालक रस ओते , बस माय के छयि कोड़ रे ॥
मैथिली सन प्रीत नेहगर , नञि छयि प्रिया के प्रीत रे ।
नाहि भौतिक नाहि आत्मिक , नाहि स्वर्गक वास रे ॥
मातृभाषा केँ बिसरि , जँ चाहबै उन्नति करी ........ ।
आत्मा के शांति मन के , नञि बचत किछु पास रे ॥
........... अश्विनी कुमार तिवारी ( 23/12/2014 )
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