Sunday, May 13, 2012

आज संसद साठ की है हो गई !


आज    संसद      साठ    की  है  हो   गई ! 


आज     संसद       साठ     की   है   हो   गई ,
पर     बुजुर्गियत      अभी     आई     नही ।

बच्चों   कि   तरह   सब  झगड़ते  हैं  यहाँ ,
फैसला   क्यूँकर   हो   अब  सम्भव  यहाँ ।

जब हमीं को नाज ना  अपने वतन पे दोस्तों ,
किस मुँह से कहते हैं कि नेता सभी खराब हैं ।

Friday, May 11, 2012

अ-कल्पित

                     अ-कल्पित

... और मैने आते ही यह खबर सुनी ..... लक्ष्मी बाबू नही रहे !!!
सुन कर धक्का सा लगा .. उनका एक चित्र सा दिमाग मे बनने लगा ... श्वेत चमकता मुख मण्डल ... सौम्य हँसी ... विद्वान ... धोती कुर्ता मे वृद्ध होने पर भी एक आकर्षक और गरिमामय छवि ।
अभी चार महीने पहले ही तो छोड़ कर गया था , सब कुछ ठीक था । हलाकि मैने दिल्ली मे सुना था कि वे इलाज के लिये बम्बई गये हैं किंतु उस समय मेरे दिमाग मे बिलकुल नही आया कि पुनः मैं उन्हे देखने का सौभाग्य प्राप्त नही कर पाऊँगा और उनके स्नेहिल स्पर्श से वंचित हो जाऊँगा ।

Thursday, May 10, 2012

बाईक की सवारी


             बाईक की सवारी

दो  अनाड़ी  निकल पड़े  थे , करने  बाईक  सवारी ।
रोड  पहाड़  का ऊँचा  नीचा , बदन  के  दोनो भारी ॥

छुट्टी  का दिन  रविवार का , घर मे हो रहे बोर बड़े ।
ना सोचा  ना खुद को देखा , मंग्पु  घूमने निकल पड़े ॥