आज संसद साठ की है हो गई !
आज संसद साठ की है हो गई ,
पर बुजुर्गियत अभी आई नही ।
बच्चों कि तरह सब झगड़ते हैं यहाँ ,
फैसला क्यूँकर हो अब सम्भव यहाँ ।
जब हमीं को नाज ना अपने वतन पे दोस्तों ,
किस मुँह से कहते हैं कि नेता सभी खराब हैं ।
पर बुजुर्गियत अभी आई नही ।
बच्चों कि तरह सब झगड़ते हैं यहाँ ,
फैसला क्यूँकर हो अब सम्भव यहाँ ।
जब हमीं को नाज ना अपने वतन पे दोस्तों ,
किस मुँह से कहते हैं कि नेता सभी खराब हैं ।