वो लड़की
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तनहा लुटी
तनहा लड़ी
तनहा मरी
तनहा जली
क्या यही थी उसकी गलती
मित्र के साथ तनहा निकली।
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तनहा लुटी
तनहा लड़ी
तनहा मरी
तनहा जली
क्या यही थी उसकी गलती
मित्र के साथ तनहा निकली।
संस्कार किसी के गये
इमान किसी के गये
शराब किसी की रगो में
भुगतान उसने किया
क्या यही उसकी बड़ी गलती थी
वो हर हाल में जीना चाहती थी।
इज्जत गयी
फिर वो गयी
लोग निकले
राजनीति हो गयी
सारा देश आज गमगीन खड़ा पूछ रहा
क्या लड़की हो कर पैदा होना गलती थी।
इंसाफ वो माँग रही
मर कर जो ना मरी
पंचतत्वो मे मिल
हम सब में हैं आ मिली
उसकी इज्जत के टूकड़े गहरे हैं आ धसे
अब उसे न्याय मिले तो दिल में चैन पड़े।
___________ अश्विनी कुमार तिवारी (31.12.2012)
बहुत कूब्सूरत बाबा !
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